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Thursday, December 1, 2011

तेरे आने से


जन्मदिन खास क्यों होता है ?शायद इसलिए कि बीते वर्षों का एक एक पल जीवित हो  सामने खड़ा होकर मुस्कुराने लगता है ,और बरबस ही सारी घटनाये आँखों में चित्र सी तैरने लगती हैं आज ऐसा ही कुछ हुआ जब बेटे को स्कूल जाने के लिए तैयार कर रही थी .तो उसके जन्म से ले कर आज तक की सारी  बातें भावनाओं में गुथ कर महकने लगी .,मन प्रार्थना करने लगा भगवान मेरे बेटे को लम्बी उम्र देना ,और अपनी कृपा सदा ही इसपर बनाये रखना .खुशियों का वो फूल खिलाना जिस पर पतझर का मौसम कभी न आये .


तेरे आने से
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उस रात
सूरज उगा था
मेरे आँचल में
तब  उजाले से भर गईं थीं मेरी आँखें
और मेरा कमरा
गुनगुनी खुशबु से महकने लगा था
पीड़ा की गठरी में से निकल
सुकून की तितलियाँ
उड़ने लगीं थीं मेरे चारो ओर
मेरी सोच और यथार्थ में ,
 परिवर्तन न था
तुमको देखा तो लगा
जानती हूँ हमेशा से
ईश्वर की इस दुआ से
गोद सजाई तो
उसके गुदगुदे पाँव
मेरी हथेलियों को पवित्र कर गए
जीवन का सन्देश देतीं
उसकी अधमुंदी आँखों की चमक
मेरे जीवन की मुंडेर पर
जुगनुओं सी सज गईं
आज स्कूल जाते
उन पाँच वर्षीय  नन्हे पैरों को
हौले से सहलाया  
उसको हुई थोड़ी गुदगुदी
और मेरी हथेलियाँ पुनः पवित्र हो गईं