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Thursday, July 18, 2013

जो हुआ क्यों हुआ ?किसने किया ?किसके कारण हुआ ?इन सब बातो  का उन घरों के लिए अब क्या मतलब है जिनकी  मासूम आवाजें हमेशा के लिए शांत हो गईं l कुछ समय तक अख़बार की सुर्खियाँ बने रहने के बाद ये मामला भी अन्य मामलों की तरह गुम हो जायेगा l जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है वो जीवन भर इस दर्द के साथ रहेंगे .....................................

बुधिया सोचती है


बुधिया सोचती है
काश के वो चार आने
उसने मुनिया को दे दिए होते
जो उसने
कम्पट खरीदने को मांगे थे
सी दी होती उसकी फटी फ्रोक
जो आज
स्कूल से आने के बाद
सीने वाली थी
काश के उसकी कोंपी पर
चढ़ा दी होती जिल्द
थकान के कारण
रोज कल पर टालती रही थी वो
उस दिन मेले में
दिला दिया होता
उसको बर्फ का गोला
कितना रोई थी
मुनिया उसके लिए
बुधिया सोचती है
ये सारे काम
अब वो कभी न कर पायेगी
बुधिया सोचती है
कल मुनिया और उसके दोस्तों को
शोर मचाने पर
नाहक ही उसने डाटा था
अब इस बस्ती में
कभी न गूंजेंगी
इनकी आवाजें l
दर्द के इस सन्नाटे में
हर घर  चीख रहा है
बुधिया सोचती है
काश के मुनिया आज भूखी रह गई होती
और इन चीखों में शामिल हो जाता  है
उसका करुण क्रन्दन भी