Followers

Wednesday, May 14, 2014

माँ
रिश्तों के गुलदान में
रोज ही सजती
संवेदनाओं के नए पुष्प
डालती स्नेह का छीटा
ताकि बानी रहे ताजगी
पुराने रिश्तों में 

-0-
वो रोज
घर पर फ़ोन करता है
सभी हाल चाल  पूछते हैं
पर
'घर कब आओगे 'कोई नहीं पूछता  

-0-